वियना कांग्रेस की पृष्ठभूमि

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यूरोपीय इतिहास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘वियना कांग्रेस’ का आयोजन ‘सितंबर 1814 – जून 1815’ के मध्य, नेपोलियन के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली, यूरोपीय शक्तियों के द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य था – नेपोलियन के युद्धों से परिवर्तित, यूरोपीय मानचित्र की पुनर्व्यवस्था और इस व्यवस्था की भविष्य में सुरक्षा के लिए […]

वियना कांग्रेस के निर्णयकर्ता

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वस्तुतः वियना कॉन्ग्रेस वास्तविक अर्थों में एक औपचारिक कांग्रेस नहीं थी क्योंकि ना कभी इसका उद्घाटन हुआ और ना ही एक सभा के तौर पर समस्याओं पर विचार के लिए इसकी बैठके  हुई बल्कि निर्णय विजेता राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने ही मुख्य रूप से लिए। वियना में यूरोप के सभी राज्यों के प्रतिनिधि मंडल थे […]

वियना कांग्रेस के लक्ष्य

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वियना कांग्रेस के सदस्य राष्ट्रों में पारस्परिक मतभेदों के बावजूद सभी फ्रांसीसी क्रांति और नेपोलियन के विरोधी थे तथा 1789 से 1815 तक की घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए प्रयासरत थे नेपोलियन के सैन्य अभियानों से यूरोप का विशेषकर मध्य यूरोप का राजनीतिक ढांचा और शक्ति संतुलन बदल गया था। अतः मध्य यूरोप की […]

वियना कांग्रेस अनुबंध का प्रारूप

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वियना कांग्रेस में शामिल राष्ट्रों ने 9 जून 1815 को संधि के मसौदे पर अंतिम रूप से हस्ताक्षर कर दिया। वियना कांग्रेस में हुए अनुबंधों के अंतिम प्रारूप में पेरिस की प्रथम शांति संधि के अतिरिक्त पृथक रूप से हुई अन्य सभी द्विपक्षीय संधियों को संगठित किया गया। वियना में हुए अनुबंधों का अंतिम प्रारूप […]

नेपोलियन बोनापार्ट की पुनर्वापसी और अंतिम निर्वासन

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वियना में आयोजित सम्मेलन के दौरान घटित एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में फरवरी 1815 में नेपोलियन बोनापार्ट के, ‘एल्बा द्वीप’ की कैद से भाग कर फ्रांस वापसी और फ्रांसीसी जनता के समर्थन से पुन: फ्रांस की सत्ता प्राप्त करने की घटना से पुन: युद्ध का आरंभ हो गया। वियना कांग्रेस में शामिल राष्ट्रों ने 9 जून […]

वियना कांग्रेस का मूल्यांकन

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वियना कांग्रेस के प्रावधान यूरोपीय राष्ट्रों के राजनीतिक संबंधों में युगांतकारी परिवर्तन के प्रेरक थे। वियना के राजनयिकों ने अतीत को पुनर्जीवित करने के प्रयास को निरर्थक मानकर पवित्र रोमन साम्राज्य की पुनर्स्थापना की कोशिश नहीं की तथा 300 पोप शासित राज्यों का 39 राज्यों में पुनर्गठन ने जर्मनी के भावी एकीकरण  का मार्ग प्रशस्त […]