बाणभट्ट : इतिहास-पुराण के प्रतिनिधि

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‘बाणभट्ट’ , प्राचीन भारत में विकसित ‘इतिहास-पुराण’ परंपरा के प्रतिनिधि लेखक थे। महाकवि ‘बाण’ का आविर्भाव सातवीं सदी के आरंभ में हुआ था। वह ‘भार्गव’ वंशी ब्राह्मण थे। प्राचीन ग्रंथों में इस तथ्य का बारंबार उल्लेख हुआ है कि ‘इतिहास-पुराण’ परंपरा के वाहक ‘भार्गव’ कुल के होते थे। अत: इतिहास लेखन उनके वंश की परंपरा […]

Harshacharita

हर्षचरित की विवेचना

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‘हर्षचरित’ की रचना का उद्देश्य एक इतिहासकार का उद्देश्य, अतीत का सत्यान्वेषण होता है लेकिन ‘बाणभट्ट’ द्वारा ‘हर्षचरित’ की रचना का औचित्य सिद्ध करने के प्रयास से यह संकेत मिलता है कि इसमें उल्लेखित कुछ तथ्य यथार्थ से परे हैं। ‘श्रीराम गोयल’ ने अपनी पुस्तक, “हर्ष शिलादित्य” – “एक नवीन राजनीतिक सांस्कृतिक अध्ययन”, में ‘हर्षचरित’ […]

Harshwardhana

हर्षचरित : एक ऐतिहासिक कृति

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‘बाणभट्ट’ ने अन्य दरबारी लेखकों की बातें ‘हर्षचरित’ में ‘हर्ष’ की उपलब्धियों का अतिश्योक्तिपूर्ण विवरण नहीं दिया है। ‘हर्षचरित’ और ‘कादंबरी’ में उल्लेखित तत्कालीन सामाजिक-राजनीतिक शैक्षणिक और अन्य संदर्भों से ‘बाणभट्ट’ की एक इतिहासकार की छवि और उसकी कृतियों की ऐतिहासिकता पुष्ट होती है। इनमें ‘बाण’ ने समाज के विभिन्न वर्गों की स्थिति, प्रव्रज्या प्राप्त […]