अखनाटन एक धर्मप्रवर्तक

This entry is part 1 of 4 in the series अखनाटन का एटनवाद

प्राचीन मिस्र में 18 वें राजवंश के फराओ ‘अमेनहोटेप IV या अखनाटन’ को ‘जेम्स हेनरी ब्रेस्टेड’ ने इतिहास का प्रथम ‘एकेश्वरवादी’ कहा है। ‘अखनाटन’ को विश्व का महान आदर्शवादी विचारक, अज्ञेय, रहस्यपूर्ण , क्रांतिकारी और इतिहास के प्रथम विशिष्ट व्यक्तित्व के रूप में वर्णित किया जाता है, लेकिन उसे विधर्मी, पाखंडी, कट्टरपंथी तथा विक्षिप्त भी […]

अखनाटन का धर्म ‘एटनवाद’

This entry is part 2 of 4 in the series अखनाटन का एटनवाद

प्रारंभ में ‘अखनाटन’ ने मिस्रवासियों के समक्ष ‘एटन’ को पारंपरिक सर्वोच्च देवता ‘Amun-Ra’ के एक प्रतिरूप के रूप में प्रस्तुत किया। अपने धार्मिक विचारों का सामंजस्य प्राचीन मिस्री धार्मिक परंपराओं से करने के लिए उसने,  ‘सूर्य-चक्र’  को ‘एटन’ नाम दिया तथा उसका नवीन देवता अपने पूर्ण स्वरूप में ‘Ra-Horus’ था। ‘Donald B. Redford’ ने अखनाटन […]

अखनाटन के धार्मिक नवाचार : ‘एटनवाद’ की विशिष्टताएं

This entry is part 3 of 4 in the series अखनाटन का एटनवाद

‘अखनाटन’ द्वारा प्रवर्तित एवं स्थापित धार्मिक नवाचारों एवं सिद्धांतों की विशिष्टताएं – 1. एकेश्वरवाद ‘मिस्र’ विद्या विशारदो के मध्य यह विवादित प्रश्न है कि क्या ‘एटनवाद’ को पूर्ण ‘अद्वैतवाद’ अथवा ‘एकेश्वरवाद’ माना जाए अथवा इसे सहिष्णु एकेश्वरवाद, धार्मिक पंथों के मध्य समन्वय तथा एकाधिदेववाद की श्रेणी में रखा जाए। कुछ विद्वानों के मतानुसार ‘अखनाटन’ का […]

अखनाटन : प्रकृति पर आधारित एकेश्वरवाद

This entry is part 4 of 4 in the series अखनाटन का एटनवाद

‘अखनाटन’ प्राचीन मिस्र ही नहीं अपितु विश्व इतिहास का सबसे विलक्षण शासक था।उसने बहुदेववाद तथा धार्मिक भ्रष्टाचार और धर्म का राजनीति पर अवांछनीय प्रभाव को समाप्त कर कर्मकांडों से मुक्त एकेश्वरवाद ‘एटन’ की उपासना को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया।  मिस्र विद्या विशारद ‘जेम्स हेनरी ब्रेस्टेड’ और ‘आर्थर वीगल’ की मान्यता है कि — ‘अखनाटन’ […]