इतिहास समय के साथ होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है, और इसमें मानव समाज के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा, सांस्कृतिक, बौद्धिक, धार्मिक और सैन्य विकास आदि सभी इतिहास का अंग हैं।
कथा एक ऐसी कहानी है जिसे लिखा या किसी को बताया (आमतौर पर बहुत विस्तार से) जाता हैं। कथा का स्वरूप, पद्य-गद्य, लोकगीत, रंगमंच या नृत्य में हो सकता है।
कथात्मक इतिहास, कहानी-आधारित रूप में इतिहास लिखने की प्रथा है। इसमें अल्पकालिक घटनाओं की श्रृंखला के पुनर्निर्माण के आधार पर इतिहास-लेखन शामिल होता है। ‘अरस्तू’ को आधुनिक कथा-विज्ञान का संस्थापक और ‘पोएटिक्स’ को कथा-विज्ञान के कथा-सिद्धांत और आलोचना के प्रथम आधारभूत कार्य के रूप में व्यापक रूप से उद्धृत किया जाता है।
कथात्मक इतिहास को अनुभववाद से भी जोड़ा जाता है वस्तुत: दर्शनशास्त्र में, अनुभववाद एक ज्ञानमीमांसा दृष्टिकोण है, जो मानता है कि सच्चा ज्ञान या औचित्य केवल या मुख्य रूप से संवेदी अनुभव और अनुभवजन्य साक्ष्य से आता है।
कथात्मक इतिहास शब्द, बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में ‘फर्नांड ब्राउडल’ ने बहुत लंबी अवधि से प्रचलित इतिहास लेखन की विधियों का विश्लेषण कर इसमें नई संभावनाओं को बढ़ावा दिया तथा एक नए शब्द ‘हिस्टॉयर इवेनमेंटिएल (‘घटना-इतिहास’)’ का प्रयोग किया। जो रचनात्मक दृष्टि से कथात्मक इतिहास के साथ परस्पर संबद्ध है।
कथात्मक इतिहास की शैलियां :
इतिहास को एक सामाजिक विज्ञान माना जाता है, लेकिन इतिहास की कहानी-आधारित प्रकृति के कारण इतिहास लेखन विधि में ऐतिहासिक ज्ञान के विश्लेषणात्मक या व्याख्यात्मक विवरण के अलावा कम या अधिक अंशों में ऐतिहासिक तथ्यों या घटनाओं का वर्णन भी शामिल है।
इसे दो उप-शैलियों/विधियों में विभाजित किया जा सकता है : पारंपरिक कथा और आधुनिक कथा।
1.पारंपरिक कथा (Traditional narrative) :
यह इतिहास के कालानुक्रमिक क्रम पर केंद्रित होती है। इतिहास के कालानुक्रमिक क्रम का मतलब है, ऐतिहासिक घटनाओं को उनके घटित होने के क्रम में व्यवस्थित करना।
यह लेखन विधि घटना आधारित होती है और व्यक्तियों, क्रिया और इरादे पर केंद्रित होती है। उदाहरण के लिए, फ्रांसीसी क्रांति के संबंध में, एक इतिहासकार जो पारंपरिक कथा के साथ शोध या लेखन कार्य करता है, वह क्रांति को एक इकाई (एक क्रांति) के रूप में वर्णित कर सकता है, इसे महज पेरिस में केंद्रित मान सकता है और मैक्समिलियन रॉब्सपियर, जैसे प्रमुख व्यक्तियों को अपने लेखन में बहुत अधिक महत्त्व दे सकता है।
2.आधुनिक कथा (Modern narrative) :
आधुनिक कथा आम तौर पर संरचनाओं और सामान्य प्रवृत्तियों पर केंद्रित होती है। इस विधि में इतिहासकार किसी अवधारणा को स्पष्टता देने के लिए इतिहास के कालानुक्रमिक क्रम का पालन नहीं करता है। यथा फ्रांसीसी क्रांति के संदर्भ में, आधुनिक कथा विधि के तहत शोध या लेखन कार्य करने वाला इतिहासकार क्रांतिकालीन फ्रांस में महज पेरिस ही नहीं बल्कि देश के अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारियों द्वारा की गई गतिविधियों की समानताओं का वर्णन करता है, साथ हीं उन क्रांतिकारी प्रवृतियों की समानताओं और क्षेत्रीय भिन्नताओं का तुलनात्मक अध्ययन फ्रांस (तथा अन्य देशों) में हुई अन्य क्रांतियों के संदर्भ में कर सकता है।
इसके अतिरिक्त इस लेखन विधि में इतिहासकार विभिन्न समाजशास्त्रीय कारकों का उपयोग यह दिखाने के लिए कर सकते हैं कि विभिन्न सामाजिक-आर्थिक स्तर के लोगों ने क्रांति का समर्थन क्यों किया।
कथात्मक इतिहास का क्षेत्र :
पारंपरिक कथा विधि में ऐतिहासिक वर्णन इस तथ्य पर बहुत अधिक केंद्रित होता है कि क्या हुआ लेकिन इसके विपरीत आधुनिक कथा विधि के इतिहासकार क्यों और कारण को भी वर्णन में शामिल करते हैं। यह कहा जा सकता है कि पारंपरिक कथा विधि, इतिहास को साफ-सुथरे बक्सों में सीमित कर देती है और इस तरह इतिहास के साथ अन्याय करतो है।
जे एच हेक्सटर ने ऐसे इतिहासकारों को “लम्पर्स” कहा है। क्रिस्टोफर हिल पर लिखे एक निबंध में उन्होंने टिप्पणी की कि “लम्पर्स को दुर्घटनाएँ पसंद नहीं होतीं: वे चाहेंगे कि वे गायब हो जाएँ…लम्पिंग इतिहासकार अतीत को बक्सों में रखना चाहता है…और फिर सभी बक्सों को एक सुंदर सुडौल बंडल में बाँधना चाहता है।”
पारंपरिक कथा विधि का उपयोग करने वाले इतिहासकारों कि मान्यता है कि आधुनिक कथा विधि इतिहास में ऐसे तुच्छ तथ्यों का समावेश कर देता है जिसका ऐतिहासिक प्रगति पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं था। इतिहासकार को अपने शोध में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों पर बल देने तथा लेखन कार्य में स्थान देने की जरूरत है, अन्यथा पाठक यह मान सकता है कि छोटी-छोटी तुच्छ घटनाएँ कहीं अधिक महत्वपूर्ण थीं।
कथात्मक इतिहास के विभिन्न प्रकार :
कथात्मक इतिहास के विभिन्न प्रकारों का साहित्यिक सिद्धांतकारों द्वारा वर्गीकरण किए जाने की यह पद्धति विशेष रूप से 1950 के दशक में अपनाई गई, जिसे कथात्मक अध्ययन में लिनियन काल की संज्ञा दी गई है। कथात्मक इतिहास की दो शैली हैं – रेखीय कथा (linear Narrative) और अरेखीय कथा (Non-linear narrative)
1.linear Narrative (रेखीय कथा) कहानी लिखने/बताने की शैली है जो घटनाओं को कालानुक्रमिक क्रम में, शुरुआत से अंत तक प्रस्तुत करती है,
2.Non-linear narrative (अरेखीय कथा) ऐसी कहानी है जिसका कथानक पारंपरिक कालक्रम, कारण और/या परिप्रेक्ष्य के अनुरूप नहीं होता है।
linear Narrative के प्रकार :
1.पत्रात्मक – एक कहानी जो आम तौर पर संवाद के एक भाग के साथ लिखित रूप में होती है
2.आत्मकथा – कहानीकार के अपने जीवन का विस्तृत वर्णन या विवरण।
3.जीवनी – किसी के जीवन का विस्तृत वर्णन या विवरण।
4 बंदी जीवन की कहानी – एक ऐसी कहानी जिसमें नायक को पकड़ लिया जाता है और वह अपने बंदी बनाने वालों की संस्कृति के साथ अपने अनुभव का वर्णन करता है।
5.महाकाव्य – एक बहुत लंबी कथात्मक कविता, जो अक्सर नायक या नायिका और उनके जीवन/ कार्यों कारनामों के विषय में लिखी जाती है।
6.महाकाव्य कविता – वीरतापूर्ण कार्यों की लंबी कहानी जो कविता के रूप में लिखी गई हो।
7.निबंध – एक छोटी साहित्यिक रचना जो लेखक के दृष्टिकोण को दर्शाती है
8.दंतकथाएं/कल्पित कहानी – एक उपदेशात्मक कहानी, जिसमें अक्सर जानवरों के चरित्रों का उपयोग किया जाता है जो मानव की तरह व्यवहार करते हैं।
9.काल्पनिक कहानी – ऐसे चरित्रों की कहानी जो यथार्थवादी नहीं हो सकते हैं और ऐसी घटनाओं का उल्लेख जो वास्तविकता में नहीं हो सकती हैं।
10.लघु कथा या (Flash Fiction) – एक काल्पनिक कार्य जो अत्याधिक संक्षिप्त हो लेकिन चरित्र और कथानक विकास प्रदान करता हो।
11.लोक कथा – किसी संस्कृति के रीति-रिवाजों को की जानकारी देने वाली एक पुरानी कहानी जो मौखिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी कही जाती है।
12.ऐतिहासिक कथा – ऐसी कहानियाँ जो वास्तविक ऐतिहासिक परिस्थितियों में घटित होती हैं और जिनमें अक्सर वास्तविक ऐतिहासिक व्यक्ति और घटनाओं का उल्लेख होता हैं, लेकिन लिखित रूप में यह काल्पनिक पात्रों या घटनाओं पर केंद्रित होती हैं।
13.किंवदंती – एक कहानी जो तथ्य पर आधारित होती है लेकिन अक्सर नायक के व्यक्तित्व और उपलब्धियों में अतिशयोक्ति शामिल होती है।
14.संस्मरण – आत्मकथा के समान हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि संस्मरण आम तौर पर लेखक के जीवन की विशिष्ट घटनाओं से संबंधित होते हैं।
15.मिथक – एक प्राचीन कहानी जिसका उद्देश्य अक्सर जीवन या प्रकृति के रहस्यों को समझाना होता है।
16.समाचार – वर्तमान घटनाओं की जानकारी जो प्रिंट, प्रसारण, इंटरनेट या मौखिक रूप से किसी तीसरे पक्ष या बड़े पैमाने पर दर्शकों को प्रस्तुत की जाती है।
Non-linear Narrative के प्रकार :
1.अरेखीय कथा – एक कहानी जिसका कथानक पारंपरिक कालक्रम, कारण और/या परिप्रेक्ष्य के अनुरूप नहीं होता है।
2.उपन्यास – एक लंबी, लिखित कथा, जो आमतौर पर गद्य में होती है, जो काल्पनिक पात्रों और घटनाओं का वर्णन, आमतौर पर एक अनुक्रमिक कहानी के रूप में करती है।
3.लघु उपन्यास (Novella) – एक लिखित, काल्पनिक, गद्य कथा जो आमतौर पर एक लघु कहानी से लंबी होती है लेकिन एक उपन्यास से छोटी होती है।
4.दृष्टांत – गद्य या पद्य में एक संक्षिप्त, शिक्षाप्रद कहानी, जो एक या अधिक शिक्षाप्रद पाठों या सिद्धांतों को दर्शाती है।
5.नाटक – एक कहानी जो ज्यादातर संवाद के माध्यम से बताई जाती है और मंच पर प्रस्तुत की जाती है।
6.कविता – साहित्य का एक रूप जो भाषा के सौंदर्य और अक्सर लयबद्ध गुणों (जैसे कि ध्वनि-सौंदर्यशास्त्र, ध्वनि प्रतीकवाद और छंद)
का उपयोग कविता में निहित अर्थ को बताने के लिए करता है।
7.खोज कथा – एक कहानी जिसमें पात्रों को एक लक्ष्य प्राप्त करना होता है।
8.यथार्थवादी कथा- ऐसी कहानियाँ जो काल्पनिक पात्रों और घटनाओं को दर्शाती हैं जो वास्तविक जीवन में मौजूद हो सकती हैं।
9.पटकथा- एक कहानी जो संवाद और चरित्र चित्रण के माध्यम से बताई जाती है जिसे चलचित्र (Motion Picture) के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है।
10.लघु कथा- एक संक्षिप्त कहानी जो आमतौर पर एक चरित्र और एक घटना पर केंद्रित होती है।
11.लंबी कहानी – एक हास्य कहानी जिसमे असंभव घटनाओं का उल्लेख होता है और नायक की उपलब्धियों को अतिरंजित कर बताया जाता है।
कथात्मक इतिहास विशिष्टता :
कथात्मक इतिहास की एक विशेषता मानवीय घटनाओं का विश्वसनीय वर्णन है। इसके अलावा, इन ऐतिहासिक आख्यानों में शामिल लोगों के इरादों, उनके सामने आई कठिनाइयों और उस जटिल दुनिया को उजागर करने की शक्ति भी होती है जिसमें ऐसे ऐतिहासिक व्यक्ति वास्तव में रहते थे।
ऐतिहासिक कथाएँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे लोगों को उनके अतीत, सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक मूल्यों को समझने में मदद करती हैं। वे लोगों को यह परिभाषित करने में भी मदद कर सकती हैं कि वे भविष्य में कैसे कार्य कर सकते हैं। वे सार्वजनिक स्मृति और सामाजिक मूल्यों को भी प्रभावित कर सकती हैं।
ऐतिहासिक कथाएँ वर्तमान को समझने के लिए मार्गदर्शन और भविष्य को जानने की अन्तर्दृष्टि प्रदान कर सकती हैं। वे नायकों, पीड़ितों और सबक को उजागर करती हैं। वस्तुत: ऐतिहासिक कथाएँ काल्पनिकता के बजाय तथ्यात्मक सत्य पर ज़ोर देती हैं इसलिए यह इतिहास लेखन में विशिष्ट स्थान रखती हैं।