Rise of Totalitarianism in Europe

अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर ‘स्पेन के गृहयुद्ध’ का प्रभाव

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फ्रांको की गृहयुद्ध में विजय ‘धुरी-राष्ट्रों’ अर्थात ‘इटली’ एवं ‘जर्मनी’ तथा ‘फासिस्ट-विचारधारा’ की विजय थी तथा गृहयुद्ध के बाद स्पेन की विदेश नीति पूर्ण रूप से ‘जर्मनी’, ‘इटली’ और ‘पुर्तगाल’ की ओर केंद्रित हो गई। 1939 में स्पेन सरकार ने ‘जर्मनी’ और ‘जापान’ के बीच हुए ‘कामिंटर्न – विरोधी’ समझौते पर हस्ताक्षर किया। वस्तुत: ‘स्पेन’ […]

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स्पेन की सरकार का पतन और फ्रांको की सत्ता की स्थापना

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फरवरी 1939 में राष्ट्रपति ‘अजाना’ ने त्यागपत्र दे दिया तथा ‘फ्रांस’ और ‘ब्रिटेन’ ने ‘फ्रांको’ की सरकार को ‘स्पेन’ के शासक के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता दे दी। यद्यपि प्रधानमंत्री ‘नेगरिन’ ने राजधानी ‘मेड्रिड’ को आधार बना कर युद्ध जारी रखने का प्रयत्न किया परंतु फ्रांको की सत्ता को चुनौती देना असंभव था। 5 मार्च

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स्पेन में गृहयुद्ध (1936-1939)

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12 जुलाई 1936 को दक्षिणपंथियों ने एक वामपंथी पुलिस अधिकारी लेफ्टिनेंट ‘केस्टिलो’ की हत्या कर दी, जिसके प्रतिशोध में दक्षिणपंथी सैन्य अधिकारी ‘काल्वो सोंटेलो’ की हत्या वामपंथियों द्वारा कर दी गई। 17 जुलाई को मोरक्को स्थित स्पेनी सेनाओं ने जनरल फ्रांको के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया। साथ ही स्पेन के दक्षिणपंथी उच्च सैन्य अधिकारियों

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स्पेन में गृहयुद्ध की पूर्वसंध्या में सामाजिक और राजनीतिक स्थिति

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गृहयुद्ध के पूर्व आर्थिक स्थिति जुलाई 1936 तक स्पेन की कानून व्यवस्था पूर्णत: विनष्ट हो गई थी। स्पेन के नेता हिंसक क्रांति की तैयारी कर रहे थे और विदेशी राजनयिक स्पेन में अपने हितों के लिए संभावना तलाश रहे थे। अप्रैल से जुलाई 1936 के बीच हड़तालों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। श्रमिक कम

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स्पेन में 1936 का निर्वाचन

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फरवरी 1936 में वामपंथी दलों के संयुक्त मोर्चे ‘पॉपुलर फ्रंट’ और ‘दक्षिणपंथी एवं मध्यवर्ती दलों’ के गठबंधन के बीच हुए चुनाव में बहुत कम सदस्यों के अंतर से ‘पॉपुलर फ्रंट’ को संसद में मामूली बहुमत मिला तथा ‘अजाना’ ने केवल गणतंत्रवादियों की सदस्यता वाले मंत्रिमंडल का गठन किया। ‘अजाना’ ने वामपंथी राजनीतिक बंदियों को रिहा

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स्पेन में प्रथम संसदीय निर्वाचन (नवम्बर 1933)

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स्पेन में नए संविधान के तहत हुए,1933 नवम्बर के प्रथम निर्वाचन में दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ‘Spanish Confederation of Autonomous Right Wing Group’ या ‘CEDA’ को 473 में से 207 सीटें मिली, ‘मध्यवर्ती दल’ या ‘Radical party’ को 167 तथा वामपंथी दलों को 99 स्थान मिले। सत्तारूढ़ दल की सदस्य संख्या में कमी से स्पष्ट

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स्पेन में गणतंत्रवादी सरकार के निर्णय और प्रभाव

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भूमि सुधार  सितंबर 1932 में स्पेन की ‘कोर्टेज’ ने कानून पारित कर 5 करोड़ एकड़ से अधिक  अविकसित भूमि और स्पेन से निष्कासित व्यक्तियों की निजी-भूमि को बगैर मुआवजा दिए तथा कुछ कुलीनो की भूमि को मुआवजा देकर अधिग्रहित कर लिया तथा भूमिहीनों में इनके पुनर्वितरण की घोषणा की गई। इस कानून से भू-स्वामी कुलीन

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‘स्पेन’ में ‘गणतंत्र’ की स्थापना

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‘स्पेन’ मे राजा के पलायन के बाद ‘अलकाला जामोरा’ की अध्यक्षता में ‘गणतंत्रवादियों’ और ‘समाजवादियों’ को शामिल कर एक अस्थायी कार्यवाहक सरकार गठित की गई। इस सरकार के द्वारा लिए गए कुछ निर्णयो में – अपनी विचारधारा के समर्थक राजनीतिक बंदियों को क्षमा प्रदान कर रिहा करना, राजा की संपत्ति जब्त करना, अभिजात वर्ग की

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स्पेन में सैन्य अधिनायकत्व का कालखंड (1923 -1931)

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जनरल ‘मिग्रयल प्राइमो ड रिवेरा’ का कार्यकाल सत्ता ग्रहण के पश्चात ‘रिवेरा’ ने सैनिक निदेशक मंडल का गठन कर संपूर्ण राष्ट्र में सैनिक-कानून लागू कर दिया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित, न्यायिक तंत्र में ‘जूरी’ के प्रावधान को प्रतिबंधित और समस्त म्युनिसिपलो एवं स्वायत्त संस्थाओं को भंग कर उसने ‘कैटेलोनिया’ के पृथकतावादी आंदोलन का दमन

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स्पेन के गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि

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19 वीं सदी से ही स्पेन राजनीतिक-सामाजिक अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा था। 1812 में स्पेन में संविधान लागू हुआ,जिसने राजा के अधिकार को सीमित कर उदारवादी राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर किया लेकिन ‘राजा फर्डिनेंड VII’ द्वारा संविधान को निरस्त तथा ‘Trienio liberal government’ को अपदस्थ करने के बाद ‘1814 –

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