Dr. Jyoti Sinha

Dr. Jyoti Sinha Assistant Professor Head of Department (PG) Department of History Ramlakhan Singh Yadav College, Patliputra University, Patna, Bihar

पैगंबर मुहम्मद : इस्लाम का उद्भव

मुहम्मद (सी. 570 – 8 जून 632 ई.), अरब के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक नेता और इस्लाम के संस्थापक थे। इस्लामी सिद्धांत के अनुसार, वह एक पैगंबर थे जिन्हें एकेश्वरवादी शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए ईश्वरीय प्रेरणा मिली थी। उन्हें इस्लामी सिद्धांतों के अंतर्गत पैगम्बरों की मुहर (पैगम्बरों की मुहर कुरान में प्रयुक्त एक […]

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जीवक : भारतीय चिकित्सा विज्ञानी

“जीवक (पाली: जीवक कोमारभक्का;’ संस्कृत: ‘जीवक कौमारभृत्य’, बुद्ध और भारतीय राजा बिम्बिसार के निजी चिकित्सक थे। जीवक, 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व में राजगृह, वर्तमान राजगीर में रहते थे। उन्हें “चिकित्सा का राजा” और “तीन बार ताज पहनाया गया चिकित्सक” के रूप में वर्णित किया जाता है। एशिया की पौराणिक कथाओं में एक आदर्श चिकित्सक के

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Ethno-nationalist Conflict : Pakistan

अहमदिया, आधिकारिक तौर पर अहमदिया मुस्लिम जमात (AMJ) एक आधुनिक इस्लामी संप्रदाय है जो दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामी समुदाय है।। इसकी स्थापना मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद (1835-1908) ने की थी, जिन्होंने कहा था कि उन्हें ईश्वर ने कयामत के दिन आनेवाले महदी (मार्गदर्शित व्यक्ति) और मसीहा दोनों के रूप में नियुक्त किया है। इस अंतिम

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Farazi Movement

फ़राज़ी आंदोलन या अभियान,1819 में पूर्वी बंगाल में हाजी अली हमज़ा अवान के नेतृत्व में आरम्भ एक धार्मिक पुनरुत्थान अभियान था जिसका उद्देश्य गैर-इस्लामी गतिविधियों को त्यागना और मुसलमानों के रूप में अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करना था। फ़राज़ी आंदोलन की शुरुआत हाजी शरीयतुल्लाह ने की थी। फ़राज़ी आंदोलन 19 वीं शताब्दी का इस्लामी पुनरुत्थानवादी

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Science and Technology in Ancient India : Agriculture

मौर्यकालीन भारत के आर्थिक क्रियाकलापों में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान था। यूनानी लेखकों के अनुसार मौर्य काल में भारत की अधिकांश जनता कृषक थी। कौटिल्य कृत अर्थशास्त्र से मौर्य कालीन भारत में कृषि से संबद्ध विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। मौर्य अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान – मौर्यकालीन कृषि की प्रकृति राज्य नियंत्रित और

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History as Narrative

इतिहास समय के साथ होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है, और इसमें मानव समाज के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा, सांस्कृतिक, बौद्धिक, धार्मिक और सैन्य विकास आदि सभी इतिहास का अंग हैं। कथा एक ऐसी कहानी है जिसे लिखा या किसी को बताया (आमतौर पर बहुत विस्तार

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Oral History

मौखिक इतिहास व्यक्तियों, परिवारों, महत्वपूर्ण घटनाओं या रोजमर्रा की जिंदगी से संबद्ध ऐतिहासिक जानकारी का संग्रह और अध्ययन है। मौखिक इतिहास उन लोगों से ऐतिहासिक जानकारी एकत्र करने की एक विधि है, जिन्हें विषय का प्रत्यक्ष ज्ञान है। इसमें शामिल हो सकते हैं – प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य, लोककथाएँ, मिथक, गीत, सालों से मौखिक रूप से प्रसारित

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Use and Misuse of History

किसी भी विषय का उपयोग तथा दुरुपयोग उसके क्रियान्वयन पर निर्भर करता है। इतिहास भी मानव समाज के लिए अत्यंत उपयोगी है परंतु महत्वाकांक्षी व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए इसका दुरुपयोग किए जाने से यह विषय भी कुछ अंशो में अनुपयोगी सिद्ध हो गया है। इतिहास की उपयोगिता अथवा अन उपयोगिता की विवेचना के

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Early Historians of India : Kalhana

भारत के प्राचीन इतिहास लेखन में कल्हण को अति महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है कल्हण ने कश्मीर के इतिहास से संबद्ध प्रसिद्ध पुस्तक राजतरंगिणी की रचना की थी। कल्हण का जन्म संभवत: 12 वीं शताब्दी के प्रारंभिक कालखंड में, कश्मीर में स्थित एक स्थान, परिहासपोर में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उसके पिता चनपक

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Indian Marxists Historian : D.D.Kosambi

प्राचीन भारत के आधुनिक इतिहासकारों में ‘दामोदर धर्मानंद कोसांबी का एक विशिष्ट स्थान है। यद्यपि डॉ. कोसांबी मुख्यत: गणित एवं आनुवांशिकी के विद्वान थे तथापि वे इतिहास, पुरातत्व, नृतत्त्व-विज्ञान, मुद्रा-शास्त्र,अभिलेख, काव्य, साहित्य आदि ज्ञान के विभिन्न अनुशासनो एवं भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से प्राचीन भारत के इतिहास के अध्ययन से

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