Dr. Jyoti Sinha

Dr. Jyoti Sinha Assistant Professor Head of Department (PG) Department of History Ramlakhan Singh Yadav College, Patliputra University, Patna, Bihar

Science and Technology in Ancient India : Agriculture

मौर्यकालीन भारत के आर्थिक क्रियाकलापों में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान था। यूनानी लेखकों के अनुसार मौर्य काल में भारत की अधिकांश जनता कृषक थी। कौटिल्य कृत अर्थशास्त्र से मौर्य कालीन भारत में कृषि से संबद्ध विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। मौर्य अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान – मौर्यकालीन कृषि की प्रकृति राज्य नियंत्रित और […]

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History as Narrative

इतिहास समय के साथ होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है, और इसमें मानव समाज के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा, सांस्कृतिक, बौद्धिक, धार्मिक और सैन्य विकास आदि सभी इतिहास का अंग हैं। कथा एक ऐसी कहानी है जिसे लिखा या किसी को बताया (आमतौर पर बहुत विस्तार

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Oral History

मौखिक इतिहास व्यक्तियों, परिवारों, महत्वपूर्ण घटनाओं या रोजमर्रा की जिंदगी से संबद्ध ऐतिहासिक जानकारी का संग्रह और अध्ययन है। मौखिक इतिहास उन लोगों से ऐतिहासिक जानकारी एकत्र करने की एक विधि है, जिन्हें विषय का प्रत्यक्ष ज्ञान है। इसमें शामिल हो सकते हैं – प्रत्यक्षदर्शी साक्ष्य, लोककथाएँ, मिथक, गीत, सालों से मौखिक रूप से प्रसारित

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Use and Misuse of History

किसी भी विषय का उपयोग तथा दुरुपयोग उसके क्रियान्वयन पर निर्भर करता है। इतिहास भी मानव समाज के लिए अत्यंत उपयोगी है परंतु महत्वाकांक्षी व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए इसका दुरुपयोग किए जाने से यह विषय भी कुछ अंशो में अनुपयोगी सिद्ध हो गया है। इतिहास की उपयोगिता अथवा अन उपयोगिता की विवेचना के

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Early Historians of India : Kalhana

भारत के प्राचीन इतिहास लेखन में कल्हण को अति महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है कल्हण ने कश्मीर के इतिहास से संबद्ध प्रसिद्ध पुस्तक राजतरंगिणी की रचना की थी। कल्हण का जन्म संभवत: 12 वीं शताब्दी के प्रारंभिक कालखंड में, कश्मीर में स्थित एक स्थान, परिहासपोर में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उसके पिता चनपक

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Indian Marxists Historian : D.D.Kosambi

प्राचीन भारत के आधुनिक इतिहासकारों में ‘दामोदर धर्मानंद कोसांबी का एक विशिष्ट स्थान है। यद्यपि डॉ. कोसांबी मुख्यत: गणित एवं आनुवांशिकी के विद्वान थे तथापि वे इतिहास, पुरातत्व, नृतत्त्व-विज्ञान, मुद्रा-शास्त्र,अभिलेख, काव्य, साहित्य आदि ज्ञान के विभिन्न अनुशासनो एवं भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से प्राचीन भारत के इतिहास के अध्ययन से

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Indian Liberal Historian : Kali Kinkar Dutt

आधुनिक भारत के इतिहास लेखन से संबंधित इतिहासकारों में ‘डॉ. काली किंकर दत्त’ का महत्वपूर्ण स्थान है। डॉ.दत्त ने मुख्यतः आधुनिक बिहार और बंगाल के इतिहास के प्राय: सभी पहलुओं पर गहन शोध किया। वे, बिहार एवं उड़ीसा प्रांत द्वारा जारी शोध छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले प्रथम शोधार्थी थे। डॉ. दत्त का जन्म 5 मई

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मेसोपोटामिया की सभ्यता : स्रोत

‘ताम्र-कांस्ययुगीन’ उत्कृष्ट सभ्यताओं का उदय नदी घाटियों में हुआ था। पश्चिमी एशिया में दजला-फरात नदी की घाटी में जिस सभ्यता का उदय और उत्कर्ष हुआ, उसे ‘मेसोपोटामिया’ की सभ्यता कहते हैं। मेसोपोटामिया दो शब्दोें मेसो+ पोटाम से बना है, जिसमें ‘मेसो’ का अर्थ ‘मध्य’ और ‘पोटाम’ का अर्थ नदी होता है। अतएव ‘मेसोपोटामिया’ का शाब्दिक

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Decline of Assyrian Empire

This entry is part 1 of 1 in the series Decline of Assyrian Empire

असीरिया की सभ्यता ताम्र – कांस्य युगीन  मेसोपोटामिया में विकसित प्रमुख सभ्यता थी।21वीं शताब्दी ई. पू – 14 वीं शताब्दी ई.पू. तक एक नगर राज्य के रूप में अस्तित्व में रहा असीरियाई राज्य, इसके बाद क्षेत्रीय राजनीतिक शक्ति मे और 14 वीं – 7 वीं शताब्दी ई. पू. तक एक साम्राज्य में परिणत हो गया

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सोवियत संघ के विघटन से उत्पन्न परिस्थितियां

This entry is part 6 of 6 in the series सोवियत संघ का विघटन

सोवियत संघ के विघटन से उत्पन्न परिस्थितियां सोवियत संघ की सेना प्रारंभ में ‘CIS’, के नियंत्रण में रहीं परंतु शीघ्र ही स्वतंत्र नवोदित राष्ट्रों की पृथक-पृथक सेना के रूप में विभक्त हो गई । कुछ अन्य सोवियत संस्थाएं “जिसका अधिग्रहण रूस द्वारा नहीं किया गया” 1991 के अंत के साथ उनका कार्य समाप्त हो गया

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