स्पेन में 1936 का निर्वाचन

This entry is part 7 of 11 in the series स्पेन का गृहयुद्ध

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Manuel Azana

फरवरी 1936 में वामपंथी दलों के संयुक्त मोर्चे ‘पॉपुलर फ्रंट’ और ‘दक्षिणपंथी एवं मध्यवर्ती दलों’ के गठबंधन के बीच हुए चुनाव में बहुत कम सदस्यों के अंतर से ‘पॉपुलर फ्रंट’ को संसद में मामूली बहुमत मिला तथा ‘अजाना’ ने केवल गणतंत्रवादियों की सदस्यता वाले मंत्रिमंडल का गठन किया। ‘अजाना’ ने वामपंथी राजनीतिक बंदियों को रिहा कर अपने पहले कार्यकाल के कार्योँ जैसे – बड़े भू स्वामियों की भू संपत्ति का अधिग्रहण और पुनर्वितरण को पुन: प्रारंभ किया तथा कैटेलोनिया को भी स्वायत्तता दे दी।

पॉपुलर फ्रंट सरकार ने सत्ताग्रहण के पहले माह में एक तिहाई प्रांतीय गवर्नरों को हड़ताल, जमीन पर अवैध कब्जा, राजनीतिक हिंसा, आगजनी रोकने पर विफल रहने पर बर्खास्त कर दिया। 1936 अप्रैल तक स्पेन में लगभग एक लाख कृषि मजदूरों ने अनुमानत: 4 लाख हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया था तथा गृहयुद्ध के आरंभ अर्थात्, जुलाई 1936 तक अवैध रूप से हस्तगत भू क्षेत्र में एक लाख करोड़ हेक्टेयर की और वृद्धि हो गई थी। जबकि तुलनात्मक रूप से भूमि सुधार कानून 1931-33 के द्वारा लगभग 6000 कृषकों के मध्य 45,000 हेक्टेयर भूमि वितरित की गई थी।

वस्तुत: मध्य और दक्षिणी स्पेन के ग्रामीण क्षेत्रों में भू-स्वामी और कृषकों के संबंधो पर इस कानून का सांघातिक असर पड़ा। दोनों ने हिंसक और क्रूर व्यवहार किया। एक इतिहासकार के अनुसार भू-स्वामी मजदूरों से व्यंगात्मक लहजे में कहते थे, “यदि वे भूखे हैं, तो जा कर रिपब्लिक को खाएं (Go eat Republic)।”  उद्योगपतियों ने भी वामपंथी विचारधारा वाले मजदूरों को काम से हटा दिया था और उनकी यूनियनों को प्रतिबंधित तथा मजदूरी में कमी कर दी थी। कुछ इतिहासकारों ने दक्षिणपंथियों के समर्थकों के इस व्यवहार को गृहयुद्ध का और इस दौरान व्याप्त घृणा का मुख्य कारण माना है।

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