- स्पेन का गृहयुद्ध: एक परिचय
- स्पेन के गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि
- स्पेन में सैन्य अधिनायकत्व का कालखंड (1923 -1931)
- ‘स्पेन’ में ‘गणतंत्र’ की स्थापना
- स्पेन में गणतंत्रवादी सरकार के निर्णय और प्रभाव
- स्पेन में प्रथम संसदीय निर्वाचन (नवम्बर 1933)
- स्पेन में 1936 का निर्वाचन
- स्पेन में गृहयुद्ध की पूर्वसंध्या में सामाजिक और राजनीतिक स्थिति
- स्पेन में गृहयुद्ध (1936-1939)
- स्पेन की सरकार का पतन और फ्रांको की सत्ता की स्थापना
- अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर ‘स्पेन के गृहयुद्ध’ का प्रभाव
‘स्पेन का गृहयुद्ध (Spanish Civil War)’ स्पेन में 1936 -1939 के मध्य स्पेन के ‘गणतंत्रवादियो (Republicans)’ और ‘राष्ट्रवादियों (Nationalists)’ के मध्य हुआ सशस्त्र सत्ता-संघर्ष था। स्पेन में गृहयुद्ध आरंभ होने के समय ‘मेनुअल अजाना’ के नेतृत्व में ‘पॉपुलर फ्रंट’ की सरकार थी, जिसे ‘कोर्टेस (संसद)’ में कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट पार्टियों का समर्थन था। ‘स्पेन’ के ‘गृहयुद्ध’ में युद्धरत दोनो विरोधी गुटों, जिन्हें ‘गणतंत्रवादी (Republicans)’ और ‘राष्ट्रवादी (Nationalist)’ कहा जाता है, उनमें शामिल दल थे।
Republicans, इस गुट से सम्बन्धित दल, ‘द्वितीय स्पेनी गणतंत्र’ में सत्तारूढ़ साम्यवादी विचारधारा वाली ‘पॉपुलर फ्रंट (Popular Front) सरकार के समर्थक थे। पॉपुलर फ्रंट सरकार में शामिल दलों में Spanish Socialists Workers’ Party (PSOE), और Communist Party of Spain (PCE) थे। Republicans कहे जाने वाले गुट में मेनुअल अजाना के नेतृत्ववाली Republican Left (IR) और डिएगो मार्टिनेज बेरियो के नेतृत्व वाली Republican Union (UR) शामिल थी। इस मोर्चे को Galician (PG) और Catalan Nationlists (ERC), POUM, Socialists Union Workers’ General Union (UGT) और अराजकतावादी विचारों वाले कई श्रमिक संगठन Confederation Nacional del Trabajo (CNT, जिन्होंने पॉपुलर फ्रंट का चुनावों में साथ नही दिया था लेकिन गृहयुद्ध में पॉपुलर फ्रंट का साथ दिया।) का समर्थन था।
‘राष्ट्रवादी (Nationalist)’, गुट जिसमें CEDA स्पेन की फासिस्ट विचाधारा वाली पार्टी ‘Falange Espanola de las JONS’, ‘रूढ़िवादी (Conservatives)’, राजतंत्रवादी (जिसमें धार्मिक रूढ़िवादी दल Carlists और Alfonsists दोनों शामिल थे), और ‘कैथोलिकों’ को स्पेन की सेना के जनरलों, जैसे – ‘सानजुर्जो’, ‘एमिलो मोला’, ‘मैनुअल गोडेड लिओपिस’ और ‘फ्रांसिसो फ्रांको’ के सैन्य गुट का समर्थन था, जो शीघ्र ही निर्णायक भूमिका में आ गया।
समकालीन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इस गृहयुद्ध के कई पहलू थे तथा इसे वर्ग-संघर्ष, धर्म-युद्ध और एक संघर्ष – ‘तानाशाही’ और ‘गणतांत्रिक- प्रजातंत्र’ के मध्य, ‘क्रांति और प्रतिक्रांति’ के बीच तथा ‘फासिज्म और साम्यवाद’ के बीच माना जाता है। स्पेन के गृहयुद्ध को ‘द्वितीय विश्वयुद्ध’ का ‘पूर्वाभ्यास या Dress rehearsal’ भी कहा जाता है। अंततः इस युद्ध में दक्षिणपंथियों ने विजय प्राप्त की तथा ‘फ्रांसिसों फ्रांको’ का शासन 1939 से नवंबर 1975 में उसकी मृत्यु तक, स्पेन पर कायम रहा।