वियना कांग्रेस अनुबंध का प्रारूप

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वियना कांग्रेस में शामिल राष्ट्रों ने 9 जून 1815 को संधि के मसौदे पर अंतिम रूप से हस्ताक्षर कर दिया। वियना कांग्रेस में हुए अनुबंधों के अंतिम प्रारूप में पेरिस की प्रथम शांति संधि के अतिरिक्त पृथक रूप से हुई अन्य सभी द्विपक्षीय संधियों को संगठित किया गया। वियना में हुए अनुबंधों का अंतिम प्रारूप की 121 धाराओं द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिए गए:

  1. रूस को डची ऑफ वारसा के साथ 1809 में स्वीडन से अधिकृत फिनलैंड पर आधिपत्य कायम रखने का अधिकार मिला।
  2.  प्रशा को वारसा की ग्रैंड डची का पोसेन क्षेत्र, डेंजिंग और राइनलैंड/वेस्टफेलिया प्राप्त हुआ।
  3. ब्रिटेन का नियंत्रण दक्षिणी अफ्रीका में स्थित केप-कॉलोनी या ‘केप ऑफ गुड होप’ पर घोषित किया गया। अफ्रीका और एशिया में स्थित ब्रिटिश उपनिवेशो जैसे  सीलोन, डच ईस्ट इंडीज और मार्टीनिक (Martinique) पर ब्रिटेन का आधिपत्य कायम रहा।
  4. ऑस्ट्रिया को फ्रांस के स्वायत्त क्षेत्र इलीरियन (Illyrian) प्रांत का हिस्सा टायरॉल (Tyrol) और साल्जबर्ग वापस प्राप्त हो गया तथा उसे रूस का जिला तेरनोपिल (Tarnopol), इटली से लोंबार्डी एवं वेनेशिया और डालमेशिया का हिस्सा रगूसा (Ragusa) भी मिला। दक्षिण पश्चिमी जर्मनी में स्थित ऑस्ट्रिया द्वारा अधिकृत क्षेत्रों का नियंत्रण    बादेन-वुर्तेम्बर्ग (Baden Wurttemberg) के पास चला गया। ऑस्ट्रियाई नीदरलैंड भी ऑस्ट्रिया को प्राप्त नहीं हुआ। उत्तर मध्य इटली के क्षेत्र  टस्कनी की ग्रैंड डची, मोडेना की डची और पारमा की डची, ‘हैब्सबर्ग वंश’ को मिला।
  5. नीदरलैंड और दक्षिणी नीदरलैंड को संगठित कर नीदरलैंड के संयुक्त राज्य United Kingdom of the Netherlands की स्थापना की गई तथा वहां ‘ऑरेंज-नसाऊ’ परिवार की सर्वोच्चता स्वीकृत की गई।
  6. ऑरेंज-नसाऊ परिवार के अधिकार वाला क्षेत्र  ‘नसाऊ’ को प्रशा को दिए जाने से इस परिवार को हुई भू-क्षेत्र की हानि की क्षतिपूर्ति के उद्देश्य से यूनाइटेड किंगडम ऑफ नीदरलैंड और लक्जमबर्ग की ग्रैंड डची का, ‘ऑरेंज-नसाऊ’ परिवार के अधीन एक निजी संघ बनाया गया। जिसमें लक्जमबर्ग,’जर्मन-संघ’ का भी सदस्य था।
  7. स्विट्जरलैंड के 22 कैंटनो की निष्पक्षता या तटस्थता को मान्यता देकर वियना कांग्रेस में उनके लिए एक सशक्त ‘संघीय-अनुबंध’ का प्रस्ताव किया। पवित्र रोमन साम्राज्य के अंतर्गत पोप का निर्वाचन करने वाले 1032 प्रिंस बिशपों की धार्मिक रियासत “Prince Bishopric of Basel” और बियेन (Bienne) को बर्न के कैंटन में मिला दिया गया।
  8. पवित्र रोमन साम्राज्य के 300 राज्यों में 39 नए राज्यों का गठन कर ‘जर्मन-संघ’ बनाया गया, जिसमें 4 नगरों को स्वतंत्र नगर घोषित किया गया इस संघ का अध्यक्ष ऑस्ट्रिया के सम्राट को बनाया गया ऑस्ट्रिया और प्रशा के कुछ भू-भाग इस संघ में शामिल किए गए थे।
  9. वियना कांग्रेस के अंतिम प्रारूप में शामिल Treaty of Kiel के द्वारा डेनमार्क ने स्वीडन को नार्वे सौंप दिया तथा इसके एवज में उसे स्वीडिश पामरेनिया प्राप्त हुआ।
  10. ‘डची ऑफ लाउनबर्ग (Duchy of Lauenburg)’ को ‘हैनोवर’ से ले कर ‘डेनमार्क’ को दिया गया तथा इसके बदले हैनोवर को ‘Bishop of Munster (बिशप ऑफ मूनस्टर)’ का पूर्व क्षेत्र तथा पहले प्रशा का एक भाग रहा ‘East Frisia’ दे कर ‘हैनोवर’ की सीमाओं में वृद्धि की गई।
  11. ‘पवित्र रोमन साम्राज्य’ के राज्यों का ‘जर्मन-संघ’ में समायोजन के अंतर्गत 1801-1806 की अवधि में ‘बवेरिया’ को ‘बादेन-वुर्तेम्बर्ग (Baden Wurttemberg)’, ‘हेस्से दरमस्ताद्त (Hesse Darmstadt)’ और ‘नसाऊ’ के भू-क्षेत्र प्राप्त हुए थे । बवेरिया के इस भू-लाभ को, वियना-कांग्रेस में मान्यता दी गई। बवेरिया को ‘Rhenish Palatinate (रेनिश पैलेटिनेट)’ और नेपोलियन द्वारा गठित’ Duchy of Wurzburg (डची ऑफ वर्जबर्ग)’ और ‘Grand Duchy of Frankfurt (फ्रैंकफर्ट की ग्रैंड डची)’ मिला तथा Rhenish Hesse (रीनिश हेस्से) राजधानी Mainz (मेंज) के साथ प्राप्त हुआ।
  12. फर्डिनेंड III की पुनर्स्थापना ‘ग्रैंड ड्यूक ऑफ टस्कनी’ के पद पर की गई।
  13. फ्रांस के दक्षिण-पूर्व में स्थित ‘सार्डीनिया के शासक’ को पुनर्स्थापित कर उसके राज्य को पीडमांट, नीस और सेवाय लौटा दिए गए तथा ‘जेनोआ’ के गणतंत्र का विलय ‘सार्डिनिया’ में कर दिया गया।

    मैरी लुईस
  14. ‘एत्रुरिया (Etruria)’ से ‘पारमा (Parma)’, ‘पियासेंजा (Piacenza)’ और ‘गुस्ताल्ला (Guastalla)’ लेकर ‘नेपोलियन बोनापार्ट’ की पत्नी ‘मारी लुईस’ को उसके जीवनकाल के लिए दिया गया। स्पेनी राजपरिवार का ‘Cadet Branch’ अर्थात ‘House of Bourbon Parma’ से ‘ल्यूका की डची’ का निर्माण करके प्रत्यावर्ती अधिकार के तहत ‘मारी लुईस’ को प्राप्त हुआ। इसका अभिप्राय था की ‘मारी लुईस’ के मरणोपरांत यह क्षेत्र ‘बूर्बों पारमा (House of Bourbon Parma)’ को वापस मिल जाता।
  15. बूर्बों वंशी ‘फर्डिनेंड IV’ को, जो सिसली का शासक था, उसे पुन: ‘नेपल्स’ पर नियंत्रण प्राप्त हुआ।
  16. वियना कांग्रेस के अंतिम प्रारूप की XV (15 वीं) धारा के द्वारा ‘दास-व्यापार’ की समाप्ति का संकल्प लिया गया।
  17. यूरोप की अंतरराष्ट्रीय नदियों में जहाजरानी के नियम बनाए गए। इसके तहत ‘राइन’ और ‘डैन्यूब’ के साथ हीं अन्य नदियों में भी निर्बाध नौ- परिवहन की स्वीकृति दी गई।
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